राष्ट्रीय उत्तर प्रदेश राज्य अंतरराष्ट्रीय खेल मनोरंजन एजुकेशन बिजनेस

---Advertisement---

Mission Sudarshan Chakra का शुभारंभ; एक साथ तीन लक्ष्य को निशाना; जानिए इसकी खासियत

On: August 24, 2025
Follow Us:
Mission Sudarshan Chakra का शुभारंभ; एक साथ तीन लक्ष्य को निशाना; जानिए इसकी खासियत
---Advertisement---

नई दिल्ली: भारत ने Mission Sudarshan Chakra के पहले चरण के तहत इंटीग्रेटेड एअर डिफेंस वेपन सिस्टम का सफल परीक्षण किया है। यह प्रणाली दुश्मन के ड्रोन हमलों और हवाई खतरों से भारत की रक्षा करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि डीआरडीओ (भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने ओडिशा के तट पर इसका सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित की गई है और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी।

Mission Sudarshan Chakra का परीक्षण और उद्देश्य

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट के पहले चरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य 2035 तक राष्ट्रीय सुरक्षा को समग्र रूप से मजबूत करना है। इसके तहत इंटीग्रेटेड एअर डिफेंस वेपन सिस्टम (आइएडीडब्ल्यूएस) का पहला सफल परीक्षण किया गया। यह प्रणाली दुश्मन के हवाई हमलों से निपटने के लिए एक ठोस कवच प्रदान करेगी।

इंटीग्रेटेड एअर डिफेंस वेपन सिस्टम की विशेषताएँ

आइएडीडब्ल्यूएस एक बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जो कई प्रणालियों को एक साथ मिलाकर काम करती है। इसमें शामिल हैं:

  • क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एअर मिसाइल (क्यूआरएसएएम)
  • एडवांस वेरी शार्ट रेंज एअर डिफेंस सिस्टम (वीएसएचओआरएडीएस)
  • हाई पावर लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (डीईडब्ल्यू)

इस प्रणाली का उद्देश्य दुश्मन के ड्रोन हमलों और लड़ाकू विमानों से रक्षा करना है। स्वदेशी रूप से तैयार किए गए इस सिस्टम की विशेषता यह है कि यह किसी भी संभावित खतरे को तत्काल पहचानकर उसे नष्ट करने में सक्षम है।

कैसे काम करेगा इंटीग्रेटेड सिस्टम

इस प्रणाली के तहत, रडार यूनिट संभावित खतरों पर नज़र रखती है। उसके बाद क्यूआरएसएएम और वीएसएचओआरएडीएस को सक्रिय किया जाता है, जो विभिन्न रेंज और गति के लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम होते हैं। डीईडब्ल्यू (डायरेक्टेड एनर्जी वेपन) हवा में किसी भी दुश्मन के लड़ाकू विमान और मिसाइलों को नष्ट करने के लिए लेजर ऊर्जा का इस्तेमाल करता है।

प्रत्येक लक्ष्य को नष्ट करने का सफलता से परीक्षण

डीआरडीओ द्वारा किए गए परीक्षण के दौरान, इस प्रणाली ने तीन अलग-अलग प्रकार के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया। इसमें दो तेज रफ्तार वाले फिक्स्डविंग ड्रोन और एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोन शामिल थे। इन सभी लक्ष्यों को विभिन्न दूरियों और ऊंचाई पर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया, जिससे इस सिस्टम की प्रभावशीलता साबित हो गई।

क्षेत्रीय सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, इस परीक्षण ने भारत की बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक होगी।

अग्नि मिसाइल के बाद अगला बड़ा कदम

भारत ने हाल ही में अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, जो 5000 से 7500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। अब, मिशन सुदर्शन चक्र के तहत एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे भारत की रक्षा क्षमता को और भी मजबूत किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट कुशा और भविष्य की योजनाएँ

मिशन सुदर्शन चक्र के तहत, डीआरडीओ अब लंबी दूरी की एअर डिफेंस प्रणाली पर काम कर रहा है। प्रोजेक्ट कुशा के तहत, तीन प्रकार की मिसाइलें विकसित की जाएंगी जो 150 किलोमीटर, 250 किलोमीटर, और 350 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के हवाई हमलों को नष्ट करने में सक्षम होंगी। इस प्रोजेक्ट को 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now