नई दिल्ली (13 Sep 2025): सहारा समूह के निवेशकों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने Sahara investors refund के तहत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) में जमा 24,000 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये वितरण की अनुमति दे दी है। इससे सहारा समूह की सहकारी समितियों के निवेशकों को उनका बकाया जल्द वापस मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और केंद्र सरकार की भूमिका
शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार के आग्रह पर यह आदेश पारित किया। इससे पहले मार्च 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के निवेशकों के लिए SEBI में जमा रकम से पांच हजार करोड़ रुपये वितरण की अनुमति दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील पर सहारा निवेशकों का बकाया भुगतान SEBI के माध्यम से करने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राशि का हस्तांतरण एक सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख में किया जाएगा और मार्च 2023 के आदेश में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को जारी राशि के वितरण की समयावधि बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2026 तक कर दी है।
निवेशकों की राशि कैसे मिलेगी?
सहारा समूह में फंसी आपकी राशि वापस पाने के लिए केंद्र सरकार ने mocrefund.crcs.gov.in पोर्टल शुरू किया है। निवेशक इस पोर्टल के माध्यम से अपने रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
रिफंड स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया
- पोर्टल पर जाएं: mocrefund.crcs.gov.in
- Depositor Login पर क्लिक करें।
- आधार नंबर और सहारा रसीद नंबर दर्ज करें।
- मोबाइल नंबर एंटर करें और OTP से लॉगिन करें।
- लॉगिन के बाद स्क्रीन पर आपका रिफंड स्टेटस दिखाई देगा।
- यदि किसी जानकारी में गलती हो गई हो, तो पोर्टल पर ही आवेदन फॉर्म अपडेट करने का विकल्प उपलब्ध है।
- साथ ही पेमेंट का तरीका (जैसे बैंक ट्रांसफर या NEFT) भी ऑनलाइन देखा जा सकता है।
जनहित याचिका और कोर्ट का आदेश
केंद्र ने पिनाक पाणि मोहंती द्वारा दायर जनहित याचिका में आवेदन किया था, जिसमें चिटफंड कंपनियों और सहारा क्रेडिट फर्मों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानते हुए SEBI को निवेशकों के फंसे हुए धन का वितरण सुनिश्चित करने का आदेश दिया।