नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025 – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को स्पष्ट किया कि आधुनिक युद्ध अब महीनों में नहीं, बल्कि घंटों और सेकेंडों में तय होता है। सैटेलाइट, ड्रोन और सेंसर तकनीक युद्ध की परिभाषा ही बदल रहे हैं।
आईसीजी (इंडियन कोस्ट गार्ड) के कमांडरों के 42वें सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने कहा, “Cyber War अब काल्पनिक खतरा नहीं रह गया है, बल्कि वास्तविकता बन चुका है। कोई देश केवल मिसाइलों से नहीं, बल्कि हैकिंग, साइबर हमलों और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के जरिये हमारे सिस्टम को पंगु बनाने की कोशिश कर सकता है।”
तटरेखा और तकनीक: चुनौती और तैयारी
रक्षा मंत्री ने भारतीय तटरक्षक बल से कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें उन्नत प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षित कर्मियों के साथ हमेशा तत्पर रहना होगा। उन्होंने बताया कि भारत की लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे द्वीप समूहों के साथ, लगातार निगरानी और चौबीसों घंटे सतर्क रहने की मांग करती है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “समुद्री खतरे अब तेजी से बहुआयामी और प्रौद्योगिकी-संचालित हो गए हैं। आतंकवादी संगठन डिजिटल मैपिंग, खुफिया जानकारी और आधुनिक उपकरणों का दुरुपयोग कर रहे हैं। हमें AI और मशीन लर्निंग आधारित निगरानी, स्वचालित प्रतिक्रिया तंत्र, ड्रोन और साइबर सुरक्षा प्रणालियों को एकीकृत करना होगा।”
आईसीजी का योगदान और उपलब्धियां
रक्षा मंत्री ने आईसीजी को राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि स्थापना के बाद से बल ने:
- 1,638 विदेशी जहाजों और 13,775 विदेशी मछुआरों को पकड़ा।
- लगभग 37,833 करोड़ रुपये मूल्य के 6,430 किलो मादक पदार्थ जब्त किए।
- चक्रवात, तेल रिसाव, औद्योगिक दुर्घटना और संकट में फंसे जहाजों की मदद की।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आईसीजी न केवल बाहरी खतरों से निपटता है, बल्कि अवैध मछली पकड़ना, मानव तस्करी, समुद्री प्रदूषण और हथियार तस्करी जैसी गतिविधियों पर भी नजर रखता है।
समुद्री सुरक्षा: जटिल और अप्रत्याशित
उन्होंने बताया, “स्थलीय सीमाएं स्थायी और पूर्वानुमानित होती हैं, लेकिन समुद्री सीमाएं ज्वार-भाटे, लहरों और मौसम के कारण लगातार बदलती रहती हैं। यही कारण है कि समुद्री सुरक्षा अधिक जटिल और अप्रत्याशित है। सतत निगरानी और तत्परता ही हमारी सबसे बड़ी ढाल है।”
रक्षा मंत्री ने महिला सशक्तीकरण पर भी जोर देते हुए कहा कि आईसीजी की महिला अधिकारी अग्रिम पंक्ति में सक्रिय हैं और अब केवल सहायक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं।
अवैध प्रवास और समुद्री खतरे
राजनाथ सिंह ने शरणार्थियों की बढ़ती संख्या और अवैध प्रवासियों को बंगाल की खाड़ी में सुरक्षा चुनौती बताया। उन्होंने कहा, “पड़ोसी देशों में अस्थिरता और अवैध गतिविधियां हमारे समुद्री क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। हमें निगरानी को केवल नियमित स्तर तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि दोहरे मोर्चे पर सतर्क रहना होगा।”
उन्होंने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत आईसीजी की प्रगति की सराहना की और कहा कि यह बल आधुनिक समुद्री सुरक्षा में भारत की क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है।
मुख्य संदेश
राजनाथ सिंह का संदेश स्पष्ट है – Cyber War और आधुनिक तकनीक के युग में समुद्री सुरक्षा और तटरक्षक बल की तत्परता ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की आधारशिला है।