लखनऊ (Sun, 02 Nov 2025)। आस्था और प्रकाश के अद्भुत संगम के लिए तैयार हो रही काशी एक बार फिर दिव्यता में नहाने जा रही है। Dev Deepawali Varanasi 2025 के अवसर पर गंगा के दोनों तटों पर करीब 10 लाख मिट्टी के दीये जलाकर घाटों को जगमगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। दीपोत्सव का आरंभ शंखनाद और डमरू की गूंज से होगा, जो संपूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा।
इस भव्य आयोजन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग और वाराणसी महोत्सव समिति ने संभाली है। राजघाट से दीये, तेल और बाती के वितरण का कार्य शुरू हो चुका है। आयोजन स्थल को 20 सेक्टरों में बांटा गया है और हर सेक्टर के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं ताकि कार्यक्रम में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
🕉️ Dev Deepawali Varanasi 2025 का आरंभ शंखनाद और डमरू की ध्वनि से
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि देव दीपावली का शुभारंभ पारंपरिक शंखनाद और डमरू की ध्वनि से किया जाएगा। इसके बाद भगवान शिव-पार्वती विवाह की झांकी, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड की कथा, भगवान बुद्ध के धर्मोपदेश, संत कबीर और तुलसीदास की भक्ति परंपरा, तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गौरवगाथा को अद्भुत दृश्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि “काशी की यह देव दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रदर्शन है। इस दिन घाटों पर हर दीपक आस्था की लौ बनकर जगमगाता है।”
💫 काशी में 3D Projection Mapping और Green Fireworks का आयोजन
पर्यटन संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष Dev Deepawali Varanasi 2025 में तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
- 3D Projection Mapping Show तीन बार प्रदर्शित किया जाएगा — रात 8:15, 9:00 और 9:35 बजे।
- शो में काशी की दिव्यता, इतिहास, संस्कृति और अध्यात्म को 25 मिनट के विजुअल प्रेजेंटेशन में जीवंत रूप से दर्शाया जाएगा।
- इसके अलावा रात 8 बजे काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने ग्रीन आतिशबाजी (Green Fireworks) का 10 मिनट का शानदार प्रदर्शन होगा।
🌠 घाटों पर रोशनी का समंदर, आस्था की अनोखी छटा
गंगा तट पर जब दीपों की पंक्तियां सजेगीं और उनके प्रतिबिंब लहरों में झिलमिलाएंगे, तब काशी सचमुच “प्रकाश की राजधानी” बन जाएगी। श्रद्धालुओं के साथ-साथ हजारों देशी-विदेशी पर्यटक भी इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बनेंगे।
इस अवसर पर न सिर्फ घाटों पर, बल्कि गंगा पार रेत के टीलों पर भी दीप प्रज्वलन किया जाएगा, जिससे पूरा क्षेत्र दिव्य आभा में नहाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में शास्त्रीय संगीत, लोकनृत्य, भजन और काशी की पारंपरिक कलाओं का भी प्रदर्शन होगा।
📌 मुख्य बिंदु (Key Highlights)
- 10 लाख मिट्टी के दीपक जगमगाएंगे काशी के घाटों पर।
- कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से।
- 3D Projection Mapping और Green Fireworks से सजेगा काशी का आकाश।
- 20 सेक्टरों में बांटा गया आयोजन क्षेत्र, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति।
- भगवान शिव-पार्वती विवाह और काशी की भक्ति परंपरा पर आधारित झांकियां।











