नई दिल्ली (Thu, 23 Oct 2025) — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार मलेशिया में होने वाले 47वें ASEAN Summit 2025 में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा नहीं लेंगे। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बताया कि दीपावली उत्सव के चलते मोदी इस सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे।
इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन का आयोजन 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में होने जा रहा है, जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई वैश्विक नेता मौजूद रहेंगे।
🎥 वर्चुअल भागीदारी की पुष्टि, सोशल मीडिया पर दिया संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी वर्चुअल भागीदारी की पुष्टि की।
उन्होंने लिखा, “मैं ASEAN-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से हिस्सा लेने और ASEAN-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए उत्सुक हूं।”
इसके साथ ही उन्होंने अनवर इब्राहिम को मलेशिया की ASEAN अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं दीं और सम्मेलन की सफलता की कामना भी की।
🤝 भारत-मलेशिया संबंधों में नई ऊर्जा
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि हाल ही में उन्होंने पीएम मोदी के एक करीबी सहयोगी से फोन पर बात की थी।
इस बातचीत में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
अनवर ने कहा कि मलेशिया, भारत के साथ अपने रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को और ऊंचाई देने के लिए प्रतिबद्ध है।
🌏 क्षेत्रीय शांति और ASEAN सहयोग पर फोकस
अनवर इब्राहिम ने स्पष्ट किया कि मलेशिया, ASEAN-भारत सहयोग को और गहराई देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगा, ताकि दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि का माहौल बन सके।
उन्होंने कहा कि भारत, ASEAN देशों के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच सहयोग आने वाले वर्षों में और मजबूत होगा।
🇺🇸 डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी और कांग्रेस का तंज
इस सम्मेलन में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया जैसे संवाद साझेदार देशों के शीर्ष नेता भी शामिल होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 26 अक्टूबर से दो दिवसीय मलेशिया दौरे पर रहेंगे।
इसी बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी के मलेशिया न जाने के फैसले पर राजनीतिक तंज कसा है।
उन्होंने दावा किया कि मोदी, ट्रंप से व्यक्तिगत मुलाकात से बचना चाहते हैं।
रमेश ने X पर लिखा —
“ट्रंप ने कई बार कहा है कि उन्होंने भारत को रूस से तेल खरीदने से रोका और ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का श्रेय खुद को दिया। मोदी के लिए उनसे सीधी मुलाकात जोखिम भरी साबित हो सकती है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने मिस्र में हुए गाजा शांति सम्मेलन में भी ट्रंप से बचने के लिए हिस्सा नहीं लिया था।
🗣️ विशेषज्ञों की राय: “कूटनीति और घरेलू त्योहारों के बीच संतुलन”
राजनयिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी का यह कदम कूटनीतिक शिष्टाचार और घरेलू प्राथमिकताओं के बीच संतुलन का उदाहरण है।
एक पूर्व राजदूत ने कहा, “भारत ने ASEAN देशों के साथ मजबूत साझेदारी बनाई है। मोदी का वर्चुअल रूप से शामिल होना यह दर्शाता है कि भारत क्षेत्रीय मुद्दों से दूरी नहीं बना रहा, बल्कि अपनी भागीदारी को नई तकनीकी दिशा दे रहा है।”













