प्रयागराज (Sun, 02 Nov 2025): उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 के लिए शासन ने नई केंद्र निर्धारण नीति जारी कर दी है। इस बार केंद्र चयन में विद्यालयों की ऑनलाइन उपस्थिति, धारण क्षमता, प्रयोगशाला की उपलब्धता और सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था जैसे कारकों को विशेष महत्व दिया गया है।
🔹 अब ऑनलाइन उपस्थिति पर भी मिलेंगे अंक
उप सचिव संजय कुमार द्वारा जारी नीति में यह पहली बार शामिल किया गया है कि जिन विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाती है, उन्हें 10 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।
🔹 छात्र संख्या के अनुसार भी अंक तय
विद्यालय की धारण क्षमता के अनुसार भी अंक निर्धारित किए गए हैं —
- 500 तक की क्षमता पर 10 अंक
- 750 तक पर 20 अंक
- 1000 या उससे अधिक क्षमता वाले विद्यालयों को 30 अंक
🔹 प्रयोगशाला और इंटर स्तर के विद्यालयों को प्राथमिकता
प्रयोगशाला के सक्रिय होने पर केंद्र बनाने में वरीयता दी जाएगी।
इंटरमीडिएट स्तर के विद्यालयों को 20 अंक, केवल हाईस्कूल वाले विद्यालयों को 10 अंक मिलेंगे।
राजकीय विद्यालयों को 50, एडेड को 40 और स्ववित्तपोषित विद्यालयों को 10 अंक का प्रावधान पहले की तरह लागू रहेगा।
🔹 परीक्षा केंद्र पर छात्रों की अधिकतम सीमा बढ़ी
अब एक केंद्र पर 2200 छात्रों तक की परीक्षा आयोजित की जा सकेगी, जबकि पहले यह सीमा 2000 थी।
इस संबंध में यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी जिलाधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश भेजे हैं कि नए मानकों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
🔹 सीसीटीवी और सुरक्षा व्यवस्था को भी अंक
विद्यालयों में पढ़ाई की सीसीटीवी निगरानी होने पर 10 अंक दिए जाएंगे।
साल 2025 में केंद्र बने विद्यालयों को 20 अंक, और जिनका परीक्षाफल 90% या उससे अधिक रहा है, उन्हें भी अतिरिक्त अंक मिलेंगे।
स्मार्ट क्लास, बाउंड्रीवाल, स्ट्रांग रूम और टॉप-10 छात्रों की उपलब्धियों को भी मूल्यांकन में शामिल किया गया है।
🔹 प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए अब चार अलमारियां अनिवार्य
इस बार केंद्रों को डबल लाक युक्त चार अलमारियां रखने के निर्देश दिए गए हैं —
पहली तीन अलमारियां मुख्य प्रश्नपत्रों के लिए और चौथी अलमारी अतिरिक्त प्रश्नपत्रों के सुरक्षित भंडारण के लिए होगी।
🔹 जिलाधिकारी होंगे समिति के अध्यक्ष
केंद्र निर्धारण के लिए गठित जनपदीय समिति की अध्यक्षता संबंधित जिले के जिलाधिकारी (DM) करेंगे।
समिति में पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी, बीएसए, एक एसडीएम और दो वरिष्ठ प्रधानाचार्य सदस्य होंगे, जबकि डीआईओएस सदस्य सचिव रहेंगे।
🔸 निष्कर्ष:
नई नीति का उद्देश्य केंद्र निर्धारण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है। शासन का फोकस ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाने पर है, जहां सुरक्षा, डिजिटल उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं बेहतर हों।











