लखनऊ, मंगलवार, 04 नवंबर 2025। उत्तर प्रदेश सरकार ने कामकाजी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए 12 Hour Work Shift in UP की नीति को औपचारिक स्वीकृति दे दी है। प्रदेश के कारखाना श्रम कानून में संशोधन करते हुए विधानसभा से पारित कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 अब कानून का दर्जा पा चुका है। इस बदलाव से औद्योगिक गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद है, विशेषतः उन क्षेत्रों में जहां उत्पादन श्रृंखला 24×7 की मांग करती है।
इस संशोधन के तहत, अब कारखानों में दैनिक कार्य अवधि 12 घंटे तक हो सकेगी। हालांकि, साप्ताहिक कार्य समय 48 घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए — यह प्रावधान पूर्ववत बना रहेगा। इस कानून के लागू होने के साथ ही ओवरटाइम और महिला श्रमिकों के कार्य समय में भी बड़े सुधार किए गए हैं।
⏳ ऑवरटाइम सीमा में बढ़ोतरी, अब अधिक कमाई का मौका
पहले प्रति तिमाही अधिकतम 75 घंटे ओवरटाइम की सीमा थी, जिसे बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है।
सबसे खास बात यह कि ओवरटाइम की मजदूरी अब सामान्य मजदूरी की दोगुनी दर से दी जाएगी। यानी अब श्रमिकों को अधिक काम के बदले अधिक वेतन पाने का अवसर मिलेगा।
अगर कोई कर्मचारी अपनी लिखित सहमति देता है तो लगातार छह घंटे तक बिना ब्रेक के काम करने की छूट भी होगी — जो उन उद्योगों के लिए उपयोगी है, जहाँ प्रोडक्शन लाइन बाधित नहीं की जा सकती।
👩🏭 महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट की राह खुली, सुरक्षा पर जोर
इस संशोधन ने महिलाओं को भी समान अवसर देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
अब महिलाएं भी रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम कर सकेंगी, लेकिन शर्तें भी सख्त हैं:
- लिखित सहमति के आधार पर ही नाइट शिफ्ट में लगाया जा सकेगा
- कारखाने को उनके सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े सभी नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा
यह बदलाव खासकर उन उद्योगों के लिए अहम है, जहां तकनीकी और असेंबली कार्यों में प्रशिक्षित महिला कर्मकारों की मांग बढ़ रही है।
📜 कानून बना: 3 अक्टूबर 2025 से प्रभावी, इंडस्ट्री को मिलेगा नया प्रवाह
यह संशोधित अधिनियम 3 अक्टूबर 2025 से लागू हो गया है, जिसे अब उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 14 वर्ष 2025 के रूप में जाना जा रहा है।
प्रमुख सचिव (विधायी) अतुल श्रीवास्तव के अनुसार, यह बदलाव प्रदेश की औद्योगिक छवि को तेजी से सुधारेंगे और उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की दिशा में मददगार साबित होंगे।
सरकार का मानना है कि नए प्रावधानों से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, वैश्विक कंपनियां राज्य में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने पर विचार करेंगी और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
📝 क्यों ज़रूरी था नया कानून?
बीते कुछ सालों में श्रम कानूनों में सुधार की मांग बढ़ी है, खासकर पीएम की Ease of Doing Business नीति के तहत। बदलते तकनीकी परिदृश्य और Make in India जैसे अभियानों में लचीले कार्य घंटे, बेहतर सुविधा और महिलाओं की भागीदारी ज़रूरी मानी गई है।
इसी वजह से, “12 Hour Work Shift in UP” के कानून का उद्देश्य न सिर्फ उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि कार्यक्षेत्र को आधुनिक, सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी बनाना भी है।











