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Uttar Pradesh Teachers Guide: यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का डिजिटल बदलाव

On: September 11, 2025
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Uttar Pradesh Teachers Guide
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लखनऊ, 11 सितंबर 2025Uttar Pradesh Teachers Guide अब डिजिटल रूप में शिक्षकों तक पहुंच रही है। यह कदम उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। कक्षा-3 की हिंदी और गणित विषय की शिक्षक संदर्शिकाएं अब पहली बार ‘किताब वितरण ऐप’ के ज़रिए 5.75 लाख से अधिक शिक्षकों और शिक्षामित्रों तक पहुंच रही हैं।

क्या है ‘किताब वितरण ऐप’?

यह ऐप पूरी तरह Q.R. कोड आधारित है, जिससे वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो जाती है। जैसे ही किताबें या संदर्शिकाएं जिला और खंड शिक्षा अधिकारी, एसआरजी, एआरपी, डायट मेंटर या प्रधानाध्यापक के पास पहुंचती हैं, उन्हें क्यूआर कोड स्कैन कर जानकारी दर्ज करनी होती है। इससे राज्य परियोजना कार्यालय को तुरंत पता चल जाता है कि सामग्री कहां तक पहुंची है। यह रीयल-टाइम मॉनिटरिंग शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल युग के अनुरूप बना रही है।

शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइन

प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए तैयार की गई नई शिक्षक संदर्शिकाएं अब हर स्कूल तक पहुंच रही हैं। इनमें शिक्षक डायरी के रखरखाव, कक्षा प्रबंधन और मूल्यांकन पद्धति तक की स्पष्ट जानकारी दी गई है। इससे शिक्षक बेहतर ढंग से पढ़ा पाएंगे और बच्चों को समझने में भी आसानी होगी।

सरकार का दृष्टिकोण

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की परिषदीय शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चे को गुणवत्तापरक शिक्षा मिले और किसी भी स्तर पर पारदर्शिता की कमी न रहे।”
वहीं, स्कूल शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा का मानना है कि यह पहल शिक्षा सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

निगरानी और जिम्मेदारी

इस प्रक्रिया में जिम्मेदारियां तय हैं—बीएसए, बीईओ, प्रधानाध्यापक और शिक्षक तक की भूमिका साफ की गई है। एसआरजी और एआरपी टीम भौतिक सत्यापन करेंगी, जबकि डायट मेंटर गुणवत्ता पर नज़र रखेंगे। हर स्तर पर रिपोर्टिंग अनिवार्य है, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जा सके।

सीधा लाभ छात्रों को

इस पहल से न सिर्फ शिक्षक, बल्कि छात्र भी लाभान्वित होंगे। करीब 1.48 करोड़ बच्चों तक नई सामग्री पहुंचेगी और शिक्षण का स्तर बेहतर होगा। खासकर कक्षा-3 के बच्चों के लिए हिंदी और गणित पढ़ाई का अनुभव अब और अधिक सहज और प्रभावी होगा।

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