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क्रेडिट कार्ड बिल से लेकर प्रॉपर्टी डील तक, इन 10 Transactions पर IT की नजर; सावधान रहें, नहीं तो भरना पड़ सकता है जुर्माना

On: October 23, 2025
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इन 10 Transactions पर IT की नजर; सावधान रहें, नहीं तो भरना पड़ सकता है जुर्माना
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नई दिल्ली (Thu, 23 Oct 2025) — अगर आप बड़े लेन-देन (Big Transactions) करते हैं तो सावधान हो जाइए। आयकर विभाग (Income Tax Department) अब पहले से कहीं ज़्यादा हाईटेक और सतर्क हो गया है। डिजिटल युग में बैंक, म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस और रजिस्ट्री विभाग हर साल ऐसी रिपोर्ट भेजते हैं, जिनसे यह साफ़ पता चलता है कि आपकी आय और खर्च में कोई असमानता तो नहीं है।

विभाग के पास अब हर बड़ा ट्रांजैक्शन SFT (Statement of Financial Transaction) के ज़रिए पहुंच जाता है। यानी अब ₹10 लाख से अधिक की नकद जमा, बड़ी प्रॉपर्टी डील, या भारी क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट छिपाना लगभग नामुमकिन है।

⚠️ इन 10 लेनदेन पर है IT विभाग की पैनी नजर

1️⃣ बड़े क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान

अगर आपकी इनकम कम है, लेकिन हर महीने भारी क्रेडिट कार्ड बिल (Credit Card Payment) भरते हैं, तो आयकर विभाग इसे ट्रैक कर सकता है। ITR में वास्तविक आय और खर्च में फर्क दिखने पर IT Notice आ सकता है।

2️⃣ ₹10 लाख या उससे ज्यादा नकद जमा

एक वित्तीय वर्ष में अगर किसी बैंक खाते में ₹10 लाख या उससे अधिक कैश जमा हुआ है, तो बैंक इसे SFT रिपोर्ट में दर्ज करता है। यह गैरकानूनी नहीं, लेकिन आपको स्रोत बताना ज़रूरी है।

3️⃣ किसी और के लिए ट्रांजैक्शन

किसी तीसरे व्यक्ति के नाम से ट्रांजैक्शन करना बेनामी या मनी-लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में आ सकता है। ऐसे मामलों पर विभाग विशेष नजर रखता है।

4️⃣ बार-बार भारी कैश विड्रॉल

अगर आप बार-बार बड़ी रकम कैश में निकालते हैं, और यह आपकी घोषित आय से मेल नहीं खाती, तो विभाग पूछताछ कर सकता है।

5️⃣ कई बैंक खाते और ब्याज छिपाना

अब पैन और आधार लिंकिंग से हर खाते की जानकारी एक जगह मिलती है। अलग-अलग अकाउंट में जमा ब्याज छिपाने पर विभाग को जानकारी तुरंत मिल जाती है।

6️⃣ अघोषित स्रोत से बड़ी रकम

दोस्तों या रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट, उधार, या “घर की बचत” जैसे स्रोत अगर दस्तावेज़ी नहीं हैं, तो आयकर विभाग इसे Unexplained Income मान सकता है।

7️⃣ ₹30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी डील

अगर आपने ₹30 लाख या उससे ज्यादा की Property Deal की है, तो रजिस्ट्रार इसे आयकर विभाग को रिपोर्ट करता है। स्रोत स्पष्ट न होने पर टैक्स नोटिस मिल सकता है।

8️⃣ विदेश से जुड़ी बड़ी ट्रांजैक्शन

विदेशी बैंक खाते या Foreign Card Spending में अगर साल भर में ₹10 लाख से ज़्यादा खर्च दिखता है, तो वह विभाग की रडार पर आता है।

9️⃣ पुराने या निष्क्रिय अकाउंट में बड़ी एंट्री

किसी Dormant Account में अचानक बड़ी रकम जमा होना संदिग्ध माना जाता है। ऐसे मामलों में स्वतः जांच शुरू हो सकती है।

🔟 ब्याज या डिविडेंड रिपोर्ट में गड़बड़ी

बैंक और म्यूचुअल फंड जो ब्याज/डिविडेंड की रिपोर्ट भेजते हैं, उसे ITR से मिलाया जाता है। फर्क होने पर तुरंत Mismatch Alert आता है।

🧾 कैसे पकड़ता है आयकर विभाग?

बैंक, म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस और रजिस्ट्री विभाग हर साल आयकर विभाग को SFT रिपोर्ट भेजते हैं।
इन रिपोर्ट्स को PAN और Aadhaar से लिंक करके एक ऑटोमेटेड सिस्टम मिलान करता है।
अगर किसी व्यक्ति की घोषित आय और उसके खर्च में बड़ा फर्क दिखता है, तो सिस्टम स्वतः नोटिस जारी कर देता है।

✅ कैसे बचें कार्रवाई से?

✔️ हर बड़े ट्रांजैक्शन की रसीद और सबूत रखें।
✔️ अगर पैसा गिफ्ट, सेल या बिजनेस से आया है तो उसका स्रोत स्पष्ट करें
✔️ ITR सही और समय पर फाइल करें।
✔️ PAN-Aadhaar लिंकिंग सुनिश्चित करें।
✔️ किसी वित्तीय सलाहकार से सालाना ट्रांजैक्शन की समीक्षा कराएं।

याद रखें — सावधानी ही टैक्स नोटिस से बचाव की सबसे बड़ी कुंजी है।

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