लखनऊ, सोमवार 03 नवम्बर 2025 — प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह लोकभावना के केंद्र Janata Darshan में एक-एक फरियादी से मुलाकात की। ठंडी हवा के बीच मुख्यमंत्री का यह संवाद सत्र उस जनसुनवाई की परंपरा को और मजबूत करता दिखाई दिया, जिसके जरिए वे सीधे जनता के बीच पहुंचते हैं।
मुख्यमंत्री ने धैर्यपूर्वक हर फरियादी की शिकायत सुनी — कोई चोरी के अनावरण के बावजूद अपना सामान न मिलने से परेशान था, तो कोई अपनी पैतृक भूमि पर कब्जे से त्रस्त। योगी ने दोनों ही मामलों पर तुरंत संज्ञान लिया। ज़मीन कब्जे की शिकायत पर उन्होंने अधिकारियों को जांच कर “तत्काल कब्जा हटवाने” का आदेश दिया, वहीं चोरी के मामलों में उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि अपराध का खुलासा होना ही पर्याप्त नहीं, पीड़ित को उसका हक भी मिलना चाहिए।
“हर फरियादी को न्याय मिलेगा” — मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
Janata Darshan में करीब 60 से अधिक फरियादियों ने अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री के सामने रखीं। शिकायतों का स्वरूप विविध था — कहीं पुलिस की लापरवाही का दर्द, तो कहीं पारिवारिक विवादों की उलझनें। कुछ लोग आर्थिक सहायता के लिए आए थे, तो कुछ अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में।
मुख्यमंत्री ने हर एक से न सिर्फ बातचीत की, बल्कि अफसरों को यह स्पष्ट निर्देश दिया कि “निश्चित समयसीमा में प्रत्येक मामले का न्यायपूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए और पीड़ितों से फीडबैक भी लिया जाए।”
जब एक फरियादी ने इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई, तो योगी ने अत्यंत मानवीय भाव से कहा —
“आप अस्पताल से बस अनुमान (estimate) बनवाकर भेजिए, अपने मरीज का ध्यान रखिए, बाकी हम संभाल लेंगे। धन के अभाव में किसी का इलाज रुकेगा नहीं।”
यह जवाब सुनते ही वहां मौजूद भीड़ में एक अनकहा विश्वास झलक उठा — कि मुख्यमंत्री न सिर्फ सुनते हैं, बल्कि संवेदना के साथ कार्रवाई भी करते हैं।
बच्चों से मिलकर मुखर हुई अपनत्व की झलक
जनता दर्शन का यह सत्र केवल शिकायतों तक सीमित नहीं रहा। जब कुछ फरियादी अपने छोटे बच्चों के साथ पहुंचे, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन नन्हे-मुन्नों के सिर पर हाथ रखकर उनका हालचाल पूछा। उन्होंने बच्चों को चॉकलेट दी और मुस्कराते हुए कहा —
“खूब पढ़ो, जमकर खेलो और माता-पिता का नाम रोशन करो।”
उस क्षण मुख्यमंत्री के चेहरे पर प्रशासनिक सख्ती नहीं, बल्कि एक अभिभावक का अपनापन झलक रहा था।
सरकार का संकल्प — सुरक्षा, सम्मान और संवेदना
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर नागरिक की सुरक्षा (security) और सम्मान (dignity) के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अफसरों को चेताया कि जनता की शिकायतों का हल “कागज़ी कार्यवाही” भर न हो, बल्कि ऐसा परिणाम आए जिससे जनता को वास्तव में राहत महसूस हो।
Janata Darshan के इस सत्र ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि शासन की असली कसौटी जनता के बीच जाकर उनकी बात सुनना है — और योगी आदित्यनाथ इस कसौटी पर खरे उतरते दिखे।











