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FDI in PSU Banks: सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 49% तक बढ़ाने की तैयारी, शेयरों में आई जोरदार तेजी

On: October 27, 2025
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FDI in PSU Banks
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नई दिल्ली, Mon, 27 Oct 2025। भारत सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSU Banks) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाकर 49% तक करने की योजना बना रही है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो यह मौजूदा सीमा से दोगुना होगा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का यह कदम विदेशी पूंजी को आकर्षित करने और सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

💼 वित्त मंत्रालय और RBI के बीच चल रही चर्चा

सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच पिछले कुछ महीनों से इस प्रस्ताव पर विस्तृत बातचीत चल रही है। अब यह योजना अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और जल्द ही इसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।
वर्तमान में सरकारी बैंकों में FDI की सीमा 20% है, और इसे 49% तक बढ़ाना विदेशी निवेशकों के लिए बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

📈 PSU Bank Shares में आई जोरदार तेजी

FDI बढ़ोतरी की इस खबर का सीधा असर शेयर बाजार में दिखा। सोमवार, 27 अक्टूबर के कारोबारी सत्र में निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 4.34% उछला, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों में 2-3% तक की तेजी देखी गई।

मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा के अनुसार,

“सरकार के इस कदम से PSU बैंकों की वैल्यूएशन बढ़ेगी। विदेशी निवेशकों के आने से पूंजी प्रवाह मजबूत होगा और यह बैंकों के भविष्य के विस्तार के लिए सहायक साबित होगा।”

💰 विदेशी निवेश बढ़ने से क्या होगा फायदा

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेश की सीमा बढ़ने से न केवल बैंकों को पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि गवर्नेंस और पारदर्शिता में सुधार भी होगा।
सरकारी बैंकों के पास मार्च 2025 तक कुल 171 ट्रिलियन रुपये (लगभग 1.95 ट्रिलियन डॉलर) की संयुक्त परिसंपत्तियां हैं, जो देश के बैंकिंग सेक्टर का करीब 55% हिस्सा है।
ऐसे में FDI सीमा बढ़ने से इन बैंकों में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की संभावना और मजबूत होगी।

🏦 सरकार की रणनीति: बैंकिंग सुधार और मर्जर की दिशा में कदम

सूत्रों का कहना है कि सरकार बैंकिंग सेक्टर में मर्जर नीति को भी आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है ताकि पूंजी और संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके।
FDI की सीमा बढ़ने से सरकार को भविष्य में डिसइन्वेस्टमेंट (Disinvestment) और बैंकिंग रिफॉर्म्स की दिशा में भी फायदा मिलेगा।

🧐 मार्केट एक्सपर्ट्स की राय

  • अंबरीश बालिगा, मार्केट एनालिस्ट:
    “FDI लिमिट बढ़ने से विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। PSU बैंकों के शेयरों में आने वाले महीनों में और रैली देखने को मिल सकती है।”
  • कैपिटल मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह प्रस्ताव अगर हकीकत बनता है तो अगले वित्तीय वर्ष में सरकारी बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी दोनों में बढ़ोतरी होगी।

📅 अगले कदम क्या हैं

सूत्रों का कहना है कि प्रस्ताव पर RBI और वित्त मंत्रालय के बीच अंतिम ड्राफ्ट को लेकर सहमति बन चुकी है। इसे नवंबर के पहले सप्ताह में कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जा सकता है। अगर यह स्वीकृत होता है, तो 2026 की शुरुआत से नया FDI नियम लागू किया जा सकता है।

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