Ambala (Wed, 29 Oct 2025): देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से आधुनिकतम Rafale Fighter Jet में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। करीब बीस मिनट की इस उड़ान के दौरान उनके साथ ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी पायलट सीट पर थे, जो भारतीय वायुसेना की 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर हैं।
राष्ट्रपति का यह दौरा केवल एक प्रतीकात्मक यात्रा नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना की ताकत और अनुशासन के प्रति एक गहरा सम्मान भी है। रवाना होने से पहले उन्हें वायुसेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
वायुसेना के हौसले को मिला नया आयाम
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने भी समानांतर उड़ान भरते हुए इस विशेष मिशन में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाले वायुवीरों को सम्मानित किया। समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, परिवहन मंत्री अनिल विज, तथा कई वरिष्ठ रक्षा एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर ने एक बार फिर यह साबित किया कि राष्ट्र की सर्वोच्च संवैधानिक प्रमुख स्वयं भी सैनिकों के साहस और बलिदान को महसूस करने में विश्वास रखती हैं।
Rafale Fighter Jet की ऐतिहासिक भूमिका
राफेल केवल एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना की नई ताकत का प्रतीक बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसी विमान ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर निर्णायक प्रहार किए थे। 6-7 मई को हुए इस एयरस्ट्राइक में राफेल की सटीक टारगेटिंग और तकनीकी क्षमता ने भारत की सामरिक शक्ति को नया आयाम दिया।
महिला राष्ट्रपतियों की उड़ान परंपरा
द्रौपदी मुर्मु से पहले, वर्ष 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने पुणे के लोहगांव एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी। इसके अलावा, अप्रैल 2023 में राष्ट्रपति मुर्मु ने असम के तेजपुर एयरबेस से भी सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरकर इतिहास रचा था।
इस तरह वह देश की तीसरी राष्ट्रपति बन गईं जिन्होंने लड़ाकू विमान में उड़ान भरने का गौरव प्राप्त किया।
देश के लिए प्रेरणा का क्षण
राष्ट्रपति मुर्मु की यह उड़ान केवल एक औपचारिकता नहीं थी — यह भारत की सैन्य शक्ति, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय गौरव का संगम थी। जैसे ही Rafale Fighter Jet ने अंबाला के आकाश में उड़ान भरी, हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।










